हाथ धोकर साबुन से रोग मिटाओ जीवन से -पूरे जुलाई माह चलेगा विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान - EYE INDIA NEWS

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Monday, June 20, 2022

हाथ धोकर साबुन से रोग मिटाओ जीवन से -पूरे जुलाई माह चलेगा विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान

 




बलिया, 20 जून 2022  - प्रदेश के सभी जनपदों में एक जुलाई से 31 जुलाई तक विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया जाएगा। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नीरज कुमार पाण्डेय ने दी। 

डॉ पाण्डेय ने बताया कि विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान को बलिया शहरी क्षेत्र में गुणवत्ता परक रूप से संपादित करने के लिए इस बार बलिया शहरी क्षेत्र में  अभियान के पर्यवेक्षण का उत्तरदायित्व फाइलेरिया नियंत्रण इकाई को दिया गया है। 

वेक्टर बॉर्न के नोडल अधिकारी डॉ अभिषेक मिश्रा ने बताया कि इस अभियान मे जनपद के विभिन्न विभागों को दायित्व निर्वहन हेतु निर्देशित किया जायेगा। इसमें नगर विकास, ग्राम विकास,पंचायती राज,पशुपालन,महिला एवं बाल विकास,शिक्षा विभाग और सूचना विभाग आदि शामिल हैं। 

जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव ने बताया कि संचारी रोगों से बचाव एवं रोकथाम हेतु यह अत्यंत आवश्यक है कि जन सहभागिता के माध्यम से हमारा शहर व गांव जितना साफ रहेगा उतने ही मच्छर कम पैदा होंगे और बीमारियों पर नियंत्रण रहेगा। हर नागरिक का दायित्व बनता है कि अपने स्तर से अपने आस-पास सफाई रखें। उन्होंने कहा कि हम सभी का दायित्व बनता है कि अपने आस -पास साफ सफाई रखें और संक्रामक रोगों से बचे रहें। इसके साथ ही उन्होने कहा कि समाचार पत्रों और सोशल  मीडिया के माध्यम से लोगों को संचारी रोगों से  बचाव के बारे में जागरूक किया जायेगा। 

उन्होने बताया कि पंचायती राज विभाग की ओर से ग्राम स्तर पर साफ-सफाई, हाथ धोना, शौचालय की सफाई तथा घर से जल निकासी आदि के लिए जागरूकता फैलाई जाये। ग्राम प्रधान ग्राम स्तर पर इसके नोडल अधिकारी होंगे। पंचायती राज विभाग की ओर से जलाशयों एवं नालियों की नियमित सफाई, ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा फंड से एण्टीलार्वल छिड़काव की व्यवस्था, अपशिष्ट/रुके हुये पानी तथा मच्छरों के प्रजनन की समस्याओं को रोकने के लिये गड्ढों का भराव तथा मकानों के बीच कंक्रीट अथवा पक्की ईंटों वाली सड़कों का निर्माण, झाड़ियों की काट-छांट आदि किए जाएंगे। महिला एवं बाल विकास विभाग आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की ओर से अपने क्षेत्र के समस्त कुपोषित तथा अति-कुपोषित बच्चों की सूची बनाकर उनको उचित पोषाहार उपलब्ध कराया जाए । आवश्यकता होने पर पोषण पुनर्वास केन्द्र पर भर्ती भी कराया जाये।

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