बलिया - पकड़ी थाना क्षेत्र के पुरादुलाराय के पूरा गांव में जमीनी विवाद आज कई वर्षो चल रहा है जहां एक गांव के उमेश सिंह पुत्र स्वo परशुराम सिंह के द्वारा फर्जी कागजात बनाकर पांच एकड़ बीस डिस्मिल जमीन को कब्जा करने का प्रयास किया गया।जो कही सरकारी अभिलेख में नही है लेकिन जिनकी जमीन है उनके द्वारा कब्जे का प्रयास को बिफल किया गया। और उनके द्वारा एसडीएम सिकंदरपुर से लेकर जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री तक को पत्र के माध्यम से अवगत भी कराया गया।जहां एसडीएम सिकंदरपुर ने राजस्व चकबंदी को दिया जिसके बाद चकबंदी अधिकारी ने पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचकर जबरजस्ती नापी कराने का निर्देश दे रहे है जिनका वीडियो ग्रामीणों के द्वारा वायरल किया जा रहा है।वही शिकायत कर्ता धनंजय सिंह ने बताया कि हमारे गांव के आराजी नंबर 12221 / 1 लगायत्त/14 तक है फर्जी कागजात पर अपना फर्जी नाम चढवा लिए है जहां सरकारी अभिलेख में आदेश कही भी अंकित नहीं है 12221/8 बंजर भूमि है उसको भी अपने नाम से करवा लिया है 12221/9 जो कास्तकारों की जमीन है उसको भी फर्जी तरीके से करा लिए है सीओ चकबंदी ललित कुमार मौके पर आए थे ललित कुमार ने कहा की कागजात में फर्जी नाम है इनका तो पैमाईस कर दीजिए जिसका वीडियो मेरे पास है उस दिन लेखपाल कानूनगो आए थे और कागजात देखने के बाद वापस चले गए।वही दूसरे दिन एसीओ लेखपाल भी आए और विपक्षी जेसीबी लेकर आए थे कब्जा करने के लिए लेकिन एसीओ और लेखपाल ने बोला की कागजात फर्जी है नापी नही होगी और वो लोग चले गए।लेखपाल नंद लाल ने बताया की एसडीएम के निर्देश पर आया हूं और मैं मौके की जांच कर रहा हूं। लेखपाल नंद लाल द्वारा उमेश सिंह के साजिश में आकर के फर्जी मुकदमा दर्ज करा दिया गया था जिसमे हमलोग अग्रिम जमानत पर है जिसमे आरोप लगाया गया की कागजात को फाड़ने का प्रयास किया गया है और पैमाइस कार्य में बाधा दिखाया गया है एक जून दो हजार एकइस को मैने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत किया हूं कि गांव के ही दबंग व्यक्ति के द्वारा फर्जी नाम चढ़ाकर कब्जा करना चाहते है। एसीओ चकबंदी के द्वारा यह आख्या लगाया गया है कि शिकायत कर्ता के अनुसार आख्या निरस्त की जाती है और आवेदक को यह अवगत कराया जाता है कि सक्षम न्यायालय में बाद दायर करें।पैमाइस निरस्त के बाद भी पैमाइस करने के लिए आ गए।इस तरह से ये लोग मनमानी कर रहे है।जिनका नाम चढ़ा है उनका रिकार्ड रूम में पत्रावली भी नही है।उमेश सिंह द्वारा हाई कोर्ट इलाहाबाद में एक याचिका दायर किया है की जिसमे रिपोर्ट लगाए है की पैमाइस कर दी गई है जिसमे चकबंदी विभाग द्वारा रिपोर्ट तलब कर दिया गया है की उनकी पैमाइस कर दी गई है और वो कब्जे में है माननीय हाई कोर्ट द्वारा याचिका को अश्विकार्य कर दिया गया है इसमें शेष कार्यवाही करने की कोई आवश्यकता नहीं है।माननीय न्यायालय द्वारा कहा गया है।को फर्जी आदेश दिखा रहे है जो 1988 का आदेश है 2023 में फर्जी तरीके से चढ़ाकर अपने नाम कराना चाहते है 2014 में इनके खाते इंतखाप लिए है जिसमे यह अंकित नहीं है 2018 में भी इंतखाप लिए है उसमे भी नही दिखा रहा है 2023 में इनका इंतखाप लिया गया है जिसमे यह आदेश है की यह बदस्तूर है जो की गलत है।विपक्षी उमेश सिंह ने एसडीएम सिकंदरपुर के यहां एक पत्र दिए है और मांग किए है की माननीय इलाहाबाद में निर्णित याचिका संख्या 29252 उमेश सिंह बनाम उत्तर प्रदेश सरकार व अन्य छः में पारित आदेश 3/10/23 के अनुपालन में गाटा संख्या 12221 में 28 डिस्मिल है।मामले का निस्तारण होगा तभी कब्जा दिलाया जायेगा।
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