संजय तिवारी
बलिया - रेवती रेलवे स्टेशन को स्टेशन से हाल्ट बना दिए जाने को लेकर वहां के लोगों में काफी आक्रोश भर गया है सैकड़ों की संख्या में लोगों ने रेवती रेलवे स्टेशन पर पहुंच करके स्टेशन मास्टर को पत्रक दिया और चेतावनी भी दिया।वही के समाजसेवी महाबीर तिवारी ने का कहना है कि रेवती स्टेशन को हाल्ट कर दिया गया है जिसका काम लगभग 80 पर्सेंट हाल्ट का काम पूरा हो चुका है उसके विरोध में हम अपना विरोध जताने आए हैं और सरकार को चेतावनी देने आए हैं अगर हाल्ट से स्टेशन नहीं हुआ तो हम लोग बहुतों की संख्या में यहां पर आकर के धरना प्रदर्शन करेंगे और जरूरत पड़ेगी तो हम रेल बाधित भी करेंगें वजह सरकार बताने में सक्षम नहीं है और हमे इधर उधर से पता चला है कि हमारे ही जनप्रतिनिधि ने स्टेशन से हाल्ट बनाने के लिए अपनी सहमति दिए हैं और जब इसके बारे में जनप्रतिनिधि से बात की जाती है तो वह कहते हैं कि आप को चुनाव लड़ना है चुनाव लड़ीए गड़े हुए मुर्दे को मत उखाड़िए हमें नहीं लगता कि यह सरकार सबका साथ और सबका विकास कर पाएगी यह सरकार सबका साथ और सबका विनाश करेगी हमारी बात सलेमपुर सांसद रवींद्र कुशवाहा और केतकी सिंह विधायक जी से बात हुई थी। ऐसे प्रतिनिधियों का चुनाव हम लोग कर दिए हैं आगे से गलती नहीं होगी हम लोग शिकायत डीआरएम वाराणसी तक और आगे तक भी हम लोग किए हैं हम लोगों के मुख्य मांगे हैं यह हाल्ट से रेलवे स्टेशन हो और यहां पर एक्सप्रेस ट्रेनों का भी ठहराव हो अगर हम लोग की मांगे नहीं मानी जाती है तो हम लोग विशाल धरना प्रदर्शन करेंगे और ट्रेन का परिचालन भी बाधित करेंगे।वही लक्षमण पाण्डेय किसान सभा मे अध्यक्ष ने कहा कि सरकार आंख मूंदकर बैठी हुई है अगर इतिहास देखा जाए तो 14 घंटा रेलवे स्टेशन का परिचालन बंद हो गया था और रेल प्रशासन को स्वयं बंद करना पड़ा था इस जनमानस के सामने मैं आपसे बता देना चाहता हूं कि अब यह आंदोलन एक ऐसा रूपरेखा लेगा कि जैसे आजादी के जंग में बलिया का इतिहास बना उसी तरह से रेवती के अंदर रेल आंदोलन बनेगा हम लड़ना जानते हैं हम मरना जानते हैं हम मिटना जानते हैं और हमने यह काम किया है जब से आई रेवती में रेल कभी नहीं रुकी थी रेवती में मेल के लिए हम लोगों ने संघर्षों के रास्ते पर चलकर यहां उत्सर्ग और सारनाथ का ठहराव करवाये इसके बाद से कई लेटर रेल मंत्री से लेकर डीआरएम तक दिया जा चुका है हाल्ट से स्टेशन के लिए तीन से चार बार धरना प्रदर्शन भी हुआ है यह चेतावनी है नहीं तो एक ऐसा बड़ा आंदोलन खड़ा होगा कि दल छपरा से लेकर गायघाट तक रेलवे ट्रैक पर लोग अपने हक के लिए खड़ा होंगे।
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