जीवन जीने की कला सिखाती है मानस : डॉ. शौर्य प्रताप कण-कण में रमण करने वाली शक्ति ही श्री राम है और श्री राम की कथा श्रवण करने से इंसान भवसागर से पार हो जाता है : श्री सर्वेस्वरानंद जी महाराज - EYE INDIA NEWS

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Tuesday, June 14, 2022

जीवन जीने की कला सिखाती है मानस : डॉ. शौर्य प्रताप कण-कण में रमण करने वाली शक्ति ही श्री राम है और श्री राम की कथा श्रवण करने से इंसान भवसागर से पार हो जाता है : श्री सर्वेस्वरानंद जी महाराज


बलिया - पकड़ी थाना क्षेत्र के पुर के उससा स्थित तपसी बाबा के मठिया पर परम् पूज्य महंत श्री श्री 1008 ललबचन दास जी महाराज  के नेतृत्व में आयोजित नौ दिवसीय *श्री विष्णु महायज्ञ* के आठवें दिन ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के युवा शिक्षाविद्, शिक्षक संघ के  अध्यक्ष, वाणिज्यवेत्ता डॉ. शौर्य प्रताप  सिंह जी के द्वारा बिहार से पधारे हुए रामकथा वाचक, *मानस मर्मज्ञ श्री सर्वेस्वरानंद जी महाराज* का माल्यार्पण कर रामकथा का शुभारंभ किया गया।  उक्त अवसर पर *डॉ. शौर्य प्रताप सिंह* ने आयोजनकर्ता परम् पूज्य महंत श्री श्री 1008 लालबचन दास जी महाराज के प्रति आभार प्रकट किया साथ ही उन्होंने श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए  कहा कि, मानस जीवन जीने की कला सिखाती है, जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण वनगमन के अवधि में भगवान श्रीराम द्वारा लोक कल्याण के लिए किए गए कार्य है।  हम सभी को मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम के चरित्र और आचरण से प्रेरणा लेकर राम राज्य की स्थापना में योगदान देना चाहिए। कथा वाचन करते हुए *श्री सर्वेस्वरानंद जी महाराज* ने भगवान राम की महिमा का व्यख्यान किया। उन्होंने बताया कि श्री राम का भाव है सदैव रहने वाली सत्ता भाव जिसका न ही जन्म होता है न ही मरण। जब किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है तब उसके नाम के आगे स्वर्गीय लग जाता है, लेकिन जब अवतारी पुरुष अपनी लीला को समेट कर इस धरा से जाते हैं तो उनके नाम के आगे स्वर्गीय नहीं लगता, क्योंकि वह सत्ता अविनाशी है। आगे महाराज जी ने बताया कि श्री राम कण-कण में रमण करने वाली शक्ति है और श्री राम की कथा श्रवण करने से इंसान भवसागर से पार हो जाता है। उन्होंने कथा के महत्व को बताते हुए कहा कि प्रभु की कथा श्रवण करने के लिए भगवान भोलेनाथ ऋषि अगस्त्य जी के आश्रम में जाते हैं और प्रभु की पावन पुनीत कथा को श्रवण कर धन्य हो जाते हैं। इस दौरान परम् पूज्य महंथ श्री श्री 1008 लालबचन दास  जी महाराज, वरिष्ठ समाजसेवी श्री मनोज चौहान, विनोद यादव, डॉ रोहित कुमार सिंह, जय शंकर दुबे, प्रवीण सिंह, नीरज चौरसिया, वीरबहादुर राम,  कलावती, नीतू सिंह, साधना सहित क्षेत्र के सैकड़ों श्रद्धालु कथा रूपी सागर में गोता लगाते रहे।

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