जनपद में मनाया गया राष्ट्रीय डेंगू दिवस - सीफार के सहयोग से बांसडीह तहसील के राजपुर गांव में गोष्ठी आयोजित - EYE INDIA NEWS

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Monday, May 16, 2022

जनपद में मनाया गया राष्ट्रीय डेंगू दिवस - सीफार के सहयोग से बांसडीह तहसील के राजपुर गांव में गोष्ठी आयोजित

 






बलिया, 16 मई 2022 - राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर सोमवार को सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) संस्था के सहयोग से बांसडीह तहसील के राजपुर गांव में गोष्ठी आयोजित हुई | गोष्ठी में फाइलेरिया के तीनों  सपोर्ट ग्रुप के सदस्यों के साथ ही  गाँव के पुरुष एवं महिलाओं ने भाग लिया । वरिष्ठ मलेरिया निरीक्षक कृष्ण कुमार पाण्डेय ने कहा  कि जानकारी के अभाव के कारण हर साल हजारों लोग डेंगू बुखार की चपेट में आ जाते हैं, जिसके कारण स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया है | इस दिवस के माध्यम से समुदाय में डेंगू के प्रति जागरूकता लाने के प्रयास किये जाते हैं | ठहरे हुए पानी में पैदा होने वाले मच्छर से फैलने वाले डेंगू बुखार को हड्डी तोड़  बुखार भी कहा जाता है। इससे बचने के लिए कुछ सावधानियां रखना बेहद आवश्यक है। जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव ने बताया कि वर्ष 2020 में डेंगू के 20 मरीज मिले थे। वर्ष 2021 में 99 मरीज मिले जबकि वर्ष  2022 में  अब तक एक मरीज मिला है।  वर्ष 2020 से अब तक डेंगू से किसी की मौत नहीं  हुई है। जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि डेंगू के  लक्षण हैं - पेट दर्द साथ ही कई बार उल्टी होना, नाक या मसूड़ों से खून बहना, खून की उल्टी या मल में खून, उल्टी करने पर रक्तस्राव  होना, आंखें लाल हो जाना, थकावट बेचैनी या चिड़चिड़ापन महसूस करना, शरीर में सूजन आदि। सावधानी :

1- डेंगू से बचाव के लिए जितना हो सके सावधानी रखें। इसके लिए हमेशा ध्यान रखें की पानी में गंदगी न होने पाए। लंबे समय तक किसी बर्तन में पानी भरकर न रखें क्योंकि  इससे मच्छर पनपने का खतरा बना रहता है।

2. पानी को हमेशा ढंककर रखें और हर दिन बदलते रहें, अन्यथा इसमें मच्छर आसानी से प्रजनन कर सकते हैं।

3. कूलर का पानी  बदलते रहें।  

4. खि‍ड़की और दरवाजे पर मच्छर से बचने के लिए जाली लगाएं, जिससे मच्छर अंदर न आ सकें।

5. पूरी बांह के कपड़े पहनें या फिर शरीर को जितना हो सके ढंककर रखें।

उपाय : 

अगर आप डेंगू बुखार की चपेट में आ गए हैं, तो तरल पदार्थ जैसे दूध, छाछ ,नारियल पानी, नींबू पानी, ओआरएस घोल,ताजे फल और हरी सब्जियों का सेवन अधिक करें। शरीर में पानी की कमी न होने दें। समय समय पर पानी लगातार पीते रहें और पूरी तरह से आराम करें।मच्छरों से बचाव करना बेहद आवश्यक है। इसके लिए सोते समय मच्छरदानी लगाकर सोएं और दिन में भी पूरी बांह के कपड़े पहनें, ताकि मच्छर न काट सकें।घर में पानी का किसी प्रकार जमाव न होने दें। घर के आसपास भी कहीं जलजमाव न होने दें, ऐसा होने पर मच्छर तेजी से फैलेंगे।बुखार बढ़ने पर कुछ घंटों में पैरासिटामॉल लेकर, बुखार पर नियंत्रण रखें। किसी भी स्थिति में डिस्प्रिन या एस्प्रिन जैसी दवाइयां बिल्कुल न लें। जल चिकित्सा के माध्यम से भी शरीर का तापमान कम किया जा सकता है। इससे बुखार नियंत्रण में रहेगा।डेंगू के लक्षण सामने आने पर या इस तरह की समस्याएं होने पर डॉक्टर से उचित परामर्श जरूर लें। दवाइयों का सेवन भी चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार ही करें।इस अवसर पर सीफार के एलएफ टीम के जिला कार्यक्रम समन्वयक आशीष कुमार पाण्डेय, सीफार के पंदह ब्लॉक के ब्लॉक कोऑर्डिनेटर एसएन चौबे,बांसडीह ब्लॉक के ब्लॉक कोऑर्डिनेटर शिवशंकर,विनय कुमार गुप्ता आदि उपस्थित रहे।

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