भ्रष्टाचार की भेट चढ़ने जा रहा बलिया का ऐतिहासिक दादरी मेला,
दुकानदारों से दुकान लगाने के नाम पर हो रही अवैध धन उगाही
बलिया - बलिया का ऐतिहासिक ददरी मेला सैकड़ों वर्ष पुराना है। भृगु मुनि के शिष्य दर्दर मुनि के नाम पर लगने वाला यह ऐतिहासिक मेला। इस मेले में बलिया समेत प्रदेश के तमाम जनपदों से लोग मेला घूमने और दुकानदार दुकान लगा कर अपनी जीविका चलाने के लिए आते है। बीते कुछ सालों से न केवल ददरी मेला के रौनक में कमी आयी है बल्कि यह आरोप है कि ददरी मेला का आयोजन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है। प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद यहां की जनता ददरी मेला को सरकारी दर्जा देने की मांग कर रहे है। पूर्व नगर विधायक और राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त करने वाले पूर्व मंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ला बलिया के सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने यहां की जनता को आश्वासन दिया कि इस मेले को राज्य का दर्जा दिलवाया जाएगा यही नही कुछ दिन पूर्व, जनपद के सांसद ने दावा किया था कि ददरी मेला को राष्ट्रीय दर्जा मिला है। लेकिन किसी जनप्रतिनिधि ने मेले को सरकारी दर्ज दिलाने के लिए क्या कहा और क्या हुआ सब हवा हवाई है। खैर एक बार फिर ददरी मेला 2023 की शुरुआत होने वाली है इसे लेकर नगर पालिका परिषद बलिया और जिला प्रशासन के द्वारा जोर-शोर से तैयारी चल रही है। ददरी मेला भ्रष्टाचार के भेट चढ़ चुका है इसे लेकर लोगो के बीच चर्चा का बाज़ार गरम है। इस बार बलिया नगर पालिका परिषद के नवागत चेयरमैन सन्त कुमार मिठाई लाल द्वारा ददरी मेला को बेहतर रूप देने की तैयारी है। दावा है कि इस बार जिस मेला का आयोजन होगा वो अपने-आप मे ऐतिहासिक मेला होगा। मेले में मीना बाज़ार, खाने-पीने की दुकानें, चरखी झूला हर चीज मेले में आने वाले लोगों को अपनी तरफ खीचेगा। ददरी मेला के भारतेंदु मंच पर तमाम सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे यही इस बार इस मंच पर सपना चौधरी से लेकर तमाम बड़े बड़े कलाकर मंच में जान डाल देंगे ऐसा चेयरमैन मिठाई लाल का दावा है। लेकिन नवागत चेयरमैन का तेवर ददरी मेले को लेकर कुछ अलग है दावा है कि इस मेले को नया रूप देने में 5 से 6 करोड़ रुपये खर्च होंगे अब सवाल ये उठता है कि ये पैसा आएगा कहां से जबकि इस मेले को कोई सरकारी दर्जा नही मिला इस बात की चर्चा लोगो के बीच है यानी सरकारी पैसा तो सायद इस मेला में नही खर्च होने वाला। खबर है कि मेले में जिन दुकानों या अन्य चिजो के लिए दूर दराज से आने वाले दुकानदारों द्वारा दुकान लगाया जाएगा उनसे पूर्व के अपेक्षा दुकान के लिए मिलने वाले जमीन की कीमत 2 से 4 गुना अधिक बढ़ा कर लिया जा रहा है यही नही मेला में झूला लगाने वाले संचालको से मोटी रकम का डिमांड किया गया है कुछ झूला संचालक खुद को असक्षम बताते हुए ददरी मेला से उल्टे पैर वापस चले गए। इस बाबत जब मीडिया ने नगर पालिका चेयरमैन सन्त कुमार मिठाई लाल से दूरभाष पर जानकारी लेना चाहा तो नवागत चेयरमैन बिना कुछ सोचे समझे अव्यवहारिक भाषा मे न केवल मीडिया से बात किया बल्कि ये तक कह डाला कि आप को 'कार्यक्रमवा दे दे आप को आप लगवाएंगे' वार्ता के क्रम में चेयरमैन के शब्द अजीबोगरीब थे। चेयरमैन ने वार्ता के क्रम में कहा कि आप हमारे शुभचिंतक है तभी फोन किये है जानकारी देते हुए कहा कि 5 से 6 करोड़ रुपये खर्च होगा।
इस वार्ता से ये साबित हुआ कि मेला को ऐतिहासिक बनाना है लेकिन मेला में 5 से 6 करोड़ होने वाले खर्च का खामियाजा दुकानदारों और झूला संचालकों भुगतना होगा। कालेज चिर देने वाले इस महंगाई के दौर में ददरी मेला किस दिशा में जा रहा है ये सबके सामने है। चुनाव के तर्ज पर चेयरमैन साहब ने मेले को महंगा बनाने का मानो मन बना लिया है। क्योंकि चेयरमैन साहब खुद कह रहे है कि 5 से 6 करोड़ रुपये खर्च होने वाला धनराशि वही देंगे जिनसे मेला सजता है यानी इस बार ऐतिहासिक ददरी मेला न केवल दुकानदारों, झूला संचालकों बल्कि मेला घूमने आने वाली जनता के लिए भी काफी महंगा होने वाला हैं। जाहिर सी बात है जिस मेले में सपना चौधरी और खेसारी जैसे महंगे कलाकार आएंगे उस मेले का महंगा होना तय है।
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