बलिया - गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की गोरखपुर शाखा की तरफ से बापू भावन, जिला बलिया में " देव दुर्लभ गुरु पूर्णिमा महोत्सव- समर्पण का दिव्य पर्व कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ ब्रह्मज्ञानी वेदपाठियों द्वारा मंत्रोच्चारण से हुआ। तदुपरान्त भक्त समाज ने भक्ति से ओतप्रोत भजनों का गायन किया व साथ ही साध्वी शीतला भारती जी ने भजनों में निहित गूढ़ तथ्यों को प्रस्तुत किया।सत्संग सत्र के अंतर्गत श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी शैब्या भारती जी ने उपस्थित भक्तों के समक्ष पूर्ण गुरु की पहचान रखते हुए बताया कि जो मानव के भीतर ब्रह्मज्ञान द्वारा ईश्वर को प्रगट कर दें, वे पूर्ण सतगुरु है और ऐसे ब्रह्मज्ञानप्रदाता गुरु की पूजा कर शिष्य का जीवन सफल होता है। साध्वी जी ने आगे समझाया कि गुरुदेव आशुतोष महाराज जी का "विश्व शांति" लक्ष्य अवश्य पूर्ण होगा परन्तु यह समय है कि मानव, समाज व् भक्त इस महान लक्ष्य में यथा सम्भव सहयोग करें ताकि कलियुग से विकृत समाज शीघ्र नवयुग की ओर अगसर हो। इस हेतु ब्रह्मज्ञानी साधक भी ध्यान की शाश्वत विधि द्वारा सकारात्मकता का प्रसार कर सकते है।भारी संख्या में उपस्थित भक्त, श्रद्धालुओं ने विश्व शांति हेतु ध्यान सत्र द्वारा विश्व कल्याण की प्रार्थना की। भक्तों ने विधिवत गुरु का पूजन व आरती कर कार्यक्रम को विराम दिया गया। कार्यक्रम में बैजनाथ प्रसाद रौनियार, सजीव कुमार डम्पू ,श्याम बाबू रौनियार, सोनू शर्मा , प्रेरक गौरव गुप्ता ,रेखा रौनियार, आरती वर्मा, रीता गुप्ता, व सैकड़ों महिलाएं उपस्थित रही!
बलिया - गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की गोरखपुर शाखा की तरफ से बापू भावन, जिला बलिया में " देव दुर्लभ गुरु पूर्णिमा महोत्सव- समर्पण का दिव्य पर्व कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ ब्रह्मज्ञानी वेदपाठियों द्वारा मंत्रोच्चारण से हुआ। तदुपरान्त भक्त समाज ने भक्ति से ओतप्रोत भजनों का गायन किया व साथ ही साध्वी शीतला भारती जी ने भजनों में निहित गूढ़ तथ्यों को प्रस्तुत किया।सत्संग सत्र के अंतर्गत श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी शैब्या भारती जी ने उपस्थित भक्तों के समक्ष पूर्ण गुरु की पहचान रखते हुए बताया कि जो मानव के भीतर ब्रह्मज्ञान द्वारा ईश्वर को प्रगट कर दें, वे पूर्ण सतगुरु है और ऐसे ब्रह्मज्ञानप्रदाता गुरु की पूजा कर शिष्य का जीवन सफल होता है। साध्वी जी ने आगे समझाया कि गुरुदेव आशुतोष महाराज जी का "विश्व शांति" लक्ष्य अवश्य पूर्ण होगा परन्तु यह समय है कि मानव, समाज व् भक्त इस महान लक्ष्य में यथा सम्भव सहयोग करें ताकि कलियुग से विकृत समाज शीघ्र नवयुग की ओर अगसर हो। इस हेतु ब्रह्मज्ञानी साधक भी ध्यान की शाश्वत विधि द्वारा सकारात्मकता का प्रसार कर सकते है।भारी संख्या में उपस्थित भक्त, श्रद्धालुओं ने विश्व शांति हेतु ध्यान सत्र द्वारा विश्व कल्याण की प्रार्थना की। भक्तों ने विधिवत गुरु का पूजन व आरती कर कार्यक्रम को विराम दिया गया। कार्यक्रम में बैजनाथ प्रसाद रौनियार, सजीव कुमार डम्पू ,श्याम बाबू रौनियार, सोनू शर्मा , प्रेरक गौरव गुप्ता ,रेखा रौनियार, आरती वर्मा, रीता गुप्ता, व सैकड़ों महिलाएं उपस्थित रही!
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